इंडियन स्पेस रिसर्च आॅर्गेनाइजेशन ( इसरो ) और अमेरिका का नासा मिलकर एक सेटेलाइट बनाकर स्पेस में भेजने की योजना पर काम कर रहे हैं, जिसे नेशनल रिसोर्सेज का मैप तैयार करने, एग्रीकल्चरल स्टडी, फ्लड माॅनिटरिंग और अर्थक्वेक स्टडी के लिए यूज किया जाएगा.
इसके अलावा इस सेटेलाइट एक्सपेरीमेंट्स के न्यू एरिया एक्सप्लोर करने, साॅइल माइश्चर का लेवल जानने, हार्वेस्ट साइकिल को समझने, बाॅटनिकल वैल्यूएशन जैसे कामों में भी हैल्प मिलेगी. इसे 2021 में लाॅन्च करने का टार्गेट फिक्स किया गया है.
नासा मिशन में केएल बैंड के एसएआर के डिजाइन और विकास ,12 मीटर के खुलने वाले एंटेना, जीपीएल प्रणाली तथा डाटा रिकार्डर की रिस्पाॅन्सिबिलिटी लेगा, जबकि इसरो एल बैंड एसएआर के डिजाइन और डेवलपमेंट का काम तथा इसकी टेस्टिंग और लाॅन्चिंग की जिम्मेदारी संभालेगा.

